अमृतसर भारत के पंजाब राज्य में स्थित है इस शहर में दूर दूर से लोग घूमने आते हैं अमृतसर में लोग बागा बार्डर, हरमंदिर साहिब, जलियाँवाला बाग आदि जगहों पर घूमने पूरे भारत से आते हैं। आज हम आपको अमृतसर शहर के सबसे परसिद्ध 5 मंदिरों के बारे में बताएँगे अगर आप यहाँ नहीं गए तो आपका अमृतसर आना बेकार है।

अमृतसर जाने के लिए आपको ट्रेन, बसें, हवाई जहाज भारत के हर एक कोने से मिल जाएंगे अगर आप दिल्ली से आते हैं तो आपको 455 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। अमृतसर शहर का पुरातन नाम रामदासपुर है जिसे गुरु रामदास जी ने बसाया था, अमृतसर लुधियाना के बाद पंजाब का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। आम बोलचाल में अमृतसर को अंबरसर भी कहा जाता है।
अमृतसर के 5 परमुख हिन्दू मंदिर:
- दुर्गियाना मंदिर अमृतसर: अमृतसर में स्थित दुर्गियाना मंदिर अमृतसर के हाथी गेट इलाके में स्थित है दुर्गियाना मंदिर हरमंदिर साहिब की निव रखने वाले और अमृतसर के पुराने नाम रामदासपुर जिनके नाम पे था उनके ही वंशज हरसाई मल और पृथ्वी दास ने किया था। यह मंदिर माँ दुर्गा के नाम पर रखा गया इस मंदिर की निव 1921 में रखी गयी ये मंदिर हरमंदिर साहिब की तरज पर बना ये देखने में हुबहु हरमंदिर साहिब की तरह ही लगता है।इस मंदिर की निव मदन मोहन मालवीय द्वारा राखी गयी थी ये मंदिर बस स्टैंड से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर में आपको आपूर शांति का अनुभव होगा यहाँ पर आपको माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, और श्री कृष्ण राधा जी की स्थापित मूर्तियाँ देखने को मिलेंगी यहाँ पर आपकी सच्चे दिल से मांगी गयी हर मनोकामना पूर्ण होगी आपको यहाँ पर लंगर की व्यवस्था भी मिलेगी जहां पर आप फ्री में भोजन ग्रहण कर सकते हैं।
- श्री बड़ा हनुमान मंदिर: श्री बड़ा हनुमान मंदिर अमृतसर में दुर्गीयना मंदिर के पास स्थित है बहुत ही मान्यता वाली जगह मानी जाती है बड़ा हनुमान मंदिर इस जगह का इतिहास है की यहाँ पर लव और कुछ ने अश्वमेघ यज्ञ का घोडा पकड़ा था। इस मंदिर के बीचोबीच एक बरगद का हजारों सालों पुराना पेड़ है माना जाता है की लव और कुछ ने इसी पेड़ से हनुमान जी को बांदा था।
इस पेड़ के आगे निसंतान लोग संतान होने के मनोकामना मांगते है कहा जाता है की यहाँ मन्नत मांगने से लड़का ही पैदा होता है जब लड़का पैदा होता है तो लोग नवरात्रि में 9 दिन यहाँ अपने बच्चे को लंगूर बनाते हैं। जिसे लंगूर वाला मेला भी कहा जाता है दूर दूर से लोग यहाँ पुत्र प्राप्ति के लिए मन्नत मांगते हैं।
- माता लाल देवी मंदिर: ये मंदिर 1989 में रानी के बाग में निर्मित किया गया इस मंदिर को वैष्णो देवी मंदिर अमृतसर के नाम से भी जाना जाता है ये मंदिर माता वैष्णो देवी की ही प्र्कुती के रूप में बनाया गया है इसकी रंग बिरंगी दीवारें और खूबसूरती को देखते हुये इसे शीश महल के नाम से भी जाना जाता है।
इस मंदिर में माता लाल देवी ने तपस्या की थी उनही के नाम पर है ये मंदिर इस मंदिर को चमत्कारी मंदिर भी कहा जाता है यहाँ पर हर मनोकामना पूर्ण होती है। अचत्मी जागरण मंदिर में बहुत ही जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
माता लाल देवी मंदिर - राम तीरथ मंदिर: ये मंदिर अमृतसर से 20 किलोमीटर की दूरी पर है माना जाता है की यही पर बाल्मीकी जी ने रामायण लिखी थी और यहीं आश्रम में माता सीता और लव कुछ रहे थे यही वो स्थान है जहां लव और कुछ का जनम हुआ था इस मंदिर को वाल्मीकि तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।
राम तीर्थ रात्री बहुत ही सुंदर बना हुआ है ये मंदिर इस मंदिर में बाल्मीकी जी की 8 मिटर ऊंची गोल्ड प्लाटेड मूर्ति स्थापित की गयी है। इस मंदिर में आपको राम चंद्र मंदिर, भगवान शिव का एक बड़ा सा शिवलिंग, सीता रसोई, बाल्मीकी धुना आदि कई स्थान देखने को मिलेंगे।
राम तीरथ अमृतसर - इस्कॉन मंदिर अमृतसर: भगवान कृष्ण को स्मरपित इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियाँ स्थापित है।
इस्कॉन मंदिर अमृतसर इस मंदिर इस मंदिर का बहुत ही मनमोहक दृश्य और मधुर संगीत आपको भगवान के चरणों में मन्त्र्मुग्द करदेगा।
इस्कॉन मंदिर अमृतसर
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