How To Grow Lotus Seeds At Home
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घर पर कमल के बीज उगाने का तरीका
कमल के बीजों को घर पर उगाना एक सरल प्रक्रिया है, लेकिन इसमें धैर्य और सही देखभाल की आवश्यकता होती है। नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
चरण 1: अच्छी गुणवता का बीज खरीदें :
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बीज काले या गहरे भूरे रंग के, कठोर और गोलाकार होते हैं। हल्के रंग के या टूटे हुए बीज न उगाएं।
चरण 2: बीज को घिसना
बीज के इस हिस्से को घिसना है:
बीज को अंकुरित करने से पहले उसे घिसना जरूरी है ताकि पानी अंदर जा सके।
एक सैंडपेपर, चाकू, या फाइल का उपयोग करें और बीज के गोल सिरे को हल्के से घिसें।
ध्यान दें कि सफेद परत (अंदर का भाग) दिखाई देने तक ही घिसें। बीज को ज्यादा नुकसान न पहुंचाएं।
घिसने के बाद ऐसा दिखेगा:
चरण 3: बीज को पानी में भिगोएं
घिसे हुए बीजों को गुनगुने पानी में डालें।
पानी साफ और स्वच्छ होना चाहिए।
1 से 2 दिन के अंदर बीज फूलने लगेंगे।
पानी को हर रोज बदलें ताकि वह गंदा न हो।
चरण 4: अंकुरित होने का इंतजार करें
7-10 दिनों के भीतर बीज अंकुरित हो जाएंगे।
चरण 5: कंटेनर तैयार करें
एक चौड़ा और गहरा कंटेनर लें। यह सुनिश्चित करें कि इसमें पानी रोकने के लिए छेद न हों।
कंटेनर में 4-6 इंच मोटी मिट्टी (भारी मिट्टी या बगीचे की सामान्य मिट्टी) डालें।
मिट्टी को पानी से ढक दें, लेकिन पानी ज्यादा गहरा न हो
कमल के पौधे आमतौर पर खिलने के 2-3 महीने के भीतर खिल जाते हैं। उनकी सुंदरता का आनंद लें और देखभाल करना जारी रखें।
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हिंदू धर्म में कमल का महत्व
कमल के फूल को घर में लगाने से वास्तु दोष भी दूर होता । अगर आपके घर में भी कई तरहं के कष्ट हैं । यां फिर आपका बिज़नेस नही चल रहा । यां ओर कई तरहं की दिक्कतें हैं । तो माना जाता है कि कमल के फूल को घर में लगाना चाहिए इससे लष्मी माता का वास घर में होता है और घर में धन समृद्धि आती है । लष्मी माता को कमल के फुल बेहद प्रिय है माना जाता है कि कमल के फूल घर में होने से लक्ष्मी वास होता है । और घर में कभी भी धन की कमी नही होती ।
1. पवित्रता और विरक्ति का प्रतीक
कमल फूल कीचड़ में उगता है लेकिन उसकी पवित्रता और सुंदरता पर कोई असर नहीं पड़ता। यह संसार में रहते हुए भी निर्लिप्त और शुद्ध रहने का संदेश देता है।
यह भौतिक सुखों से विरक्ति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है।
2. देवताओं से संबंध
कमल का हिंदू देवी-देवताओं से गहरा संबंध है:
मां लक्ष्मी: मां लक्ष्मी को प्रायः खिले हुए गुलाबी या सफेद कमल पर विराजमान दिखाया जाता है, जो धन, समृद्धि और शुद्धता का प्रतीक है।
भगवान विष्णु: भगवान विष्णु के हाथ में कमल रहता है, जो सृष्टि और ऊर्जा का प्रतीक है।
मां सरस्वती: मां सरस्वती को सफेद कमल के साथ दिखाया जाता है, जो ज्ञान और पवित्रता का प्रतीक है।
भगवान ब्रह्मा: ब्रह्मा जी का जन्म भगवान विष्णु की नाभि से निकले कमल से हुआ, जो सृष्टि निर्माण का प्रतीक है।
भगवान गणेश: गणेश जी के हाथों में भी कभी-कभी कमल दिखाया जाता है, जो आध्यात्मिक ज्ञान और विवेक का प्रतीक है।
3. आत्मज्ञान का प्रतीक
कमल आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है।
हिंदू धर्म में चक्रों (शरीर के ऊर्जा केंद्र) को कमल के रूप में दर्शाया गया है।
जैसे, सहस्रार चक्र (मस्तिष्क का चक्र) को हजार पंखुड़ियों वाले कमल के रूप में दिखाया जाता है, जो परमात्मा से एकत्व का प्रतीक है।
4. शास्त्रों में वर्णन
हिंदू ग्रंथों जैसे वेद, पुराण और भगवद गीता में कमल का उल्लेख मिलता है।
भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मनुष्य को कमल की तरह संसार में रहते हुए भी निर्लिप्त रहना चाहिए।
5. पुनर्जन्म और नवीनीकरण का प्रतीक
कमल का दिन में खिलना और रात में बंद हो जाना पुनर्जन्म और आत्मा के नवीनीकरण का प्रतीक है।
यह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति (मोक्ष) का भी संकेत देता है।
6. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
कमल का उपयोग पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों में किया जाता है।
यह देवताओं को अर्पित किया जाने वाला एक पवित्र फूल है।
पद्मासन (कमल के समान मुद्रा) योग की एक ध्यानात्मक स्थिति है, जो मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा देती है।
कमल हिंदू धर्म में शुद्धता, ज्ञान, समृद्धि, और आत्मिक जागृति का प्रतीक है। यह धर्म और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
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